समस्तीपुर जिले के रोसड़ा थाना क्षेत्र के बंडिहा गांव में फिशिंग कैट पकड़ा गया। वन विभाग की टीम ने इसे सुरक्षित कब्जे में लिया। जानिए पूरी खबर।
रोसड़ाः थाना क्षेत्र के बंडिहा गांव में तेंदुआ होने की सूचना के बाद वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर एक फिशिंग कैट (Fishing Cat) को कब्जे में लिया। इसे पकड़ने के दौरान तीन स्थानीय लोग घायल हो गए। वन विभाग की टीम ने घायलों का इलाज अनुमंडलीय अस्पताल में कराया और एंटी रैबिज वैक्सीन (Anti-Rabies Vaccine) भी दी गई।
पकड़े गए जानवर को पिंजरे में बंद कर रोसड़ा के पशु अस्पताल ले जाया गया। चिकित्सकीय जांच के बाद इसे वन विभाग की सुरक्षा में रखा गया। मौके पर मौजूद वन परिसर पदाधिकारी मोहम्मद इंसाफ काजमी और वनरक्षी विश्वबंधु ने बताया कि यह जानवर फिशिंग कैट प्रजाति का है।
क्या है Fishing Cat?
फिशिंग कैट (Fishing Cat) एक जंगली जानवर है, जो मुख्य रूप से मछलियों का शिकार करता है। यह अक्सर नदियों के किनारे झाड़ियों और खड़ही जैसी जगहों पर छिपकर रहता है। वन अधिकारियों ने बताया कि यह इंसानों को देखकर भागने की कोशिश करता है और पूरी तरह से गैर-घातक है।
बंडिहा गांव में पकड़ा गया यह जानवर करेह नदी के किनारे से लाया गया। वन विभाग ने क्षेत्र में “बाघ या चीता का बच्चा” होने की अफवाह को खारिज करते हुए बताया कि फिशिंग कैट का आकार बाघ के शावक से मिलता-जुलता होने के कारण लोग भ्रमित हो रहे हैं।
अन्य घटनाएं
सुबह में रोसड़ा के भोरहा गांव में भी नदी किनारे लोगों ने फिशिंग कैट को देखा था। हालांकि, वन विभाग की टीम के पहुंचने से पहले वह जाल से निकलकर भाग गया।
टीम में शामिल सदस्य:
इस अभियान में वनरक्षी पूजा कुमारी, चंदन कुमार, वनकर्मी हरिओम कुमार, सत्यनारायण दास, और रोहित कुमार ने अहम भूमिका निभाई।
स्थानीय जनता की प्रतिक्रिया
पकड़े गए जानवर को देखने के लिए वन विभाग कार्यालय के सामने भीड़ जमा रही।