विभूतिपुर: आचार्य किशोर कुणाल की शादी, बड़ी काली मंदिर विवाद और उनके ऐतिहासिक फैसले

आचार्य किशोर कुणाल की विभूतिपुर में शादी की ऐतिहासिक यादें, बड़ी काली मंदिर (Badi Kali Mandir) विवाद पर उनके कड़े फैसले और उनके निधन पर शोक संवेदनाएं। पढ़ें इस खबर को विस्तार से।

विभूतिपुर: ऐतिहासिक शादी की यादें
समस्तीपुर जिले के विभूतिपुर (Vibhutipur) के पूरब वार्ड 9 निवासी यशोदानंद प्रसाद सिंह की पुत्री अनिता और आचार्य किशोर कुणाल की शादी वर्ष 1974 में बड़ी धूमधाम से हुई। उस दौर में अंग्रेजी बाजा (Band) और कठघोड़वा (Traditional Horse Carriage) के साथ हुई इस शादी में सभी वर्गों ने “अतिथि देवो भव” की परंपरा निभाई। शादी के बाद अनिता कुणाल का जीवन पटना शिफ्ट होने से जुड़ा रहा।

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गांव में कम हुआ आना-जाना
किशोर कुणाल अपने आईपीएस (IPS) ऑफिसर के कार्यकाल के कारण ससुराल कम आ सके। हालांकि, उनकी पत्नी अनिता कुणाल और परिवार के अन्य सदस्य विभूतिपुर आते रहे। लोकसभा चुनाव 2024 में उनकी पुत्रवधू शांभवी चौधरी के समस्तीपुर सीट से प्रत्याशी बनने पर परिवार ने विवाह के घर में आशीर्वाद लिया।

आचार्य किशोर कुणाल का निधन और शोक
महावीर मंदिर ट्रस्ट (Mahavir Mandir Trust) के सचिव और अयोध्या मंदिर ट्रस्ट के संस्थापक आचार्य किशोर कुणाल का निधन 24 दिसंबर को हृदयाघात से हुआ। उनके निधन की खबर से विभूतिपुर में शोक की लहर दौड़ गई। स्थानीय नेताओं, पंचायत प्रतिनिधियों और आम लोगों ने अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं।

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बड़ी काली मंदिर विवाद पर ऐतिहासिक फैसला
विभूतिपुर स्थित बड़ी काली मंदिर (Badi Kali Mandir) को लेकर 2013 में एक बड़ा विवाद हुआ था। दुर्गेन्द्र मिश्रा ने मंदिर को निजी संपत्ति बताया, जबकि मन्ना देवी ने इसे सार्वजनिक घोषित करने की मांग की। आचार्य किशोर कुणाल ने मंदिर को सार्वजनिक न्यास घोषित करते हुए एक नई कमेटी गठित की। इसके बाद मंदिर का प्रबंधन बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद (Bihar State Religious Trust Board) के अंतर्गत आ गया।

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स्थानीय लोगों की यादें
गांव के लोग आज भी आचार्य किशोर कुणाल की व्यवहार कुशलता और उनके ऐतिहासिक फैसलों को याद करते हैं। उनके निधन ने ग्रामीणों को भावुक कर दिया।

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