समस्तीपुर जिले के लगभग 6000 नियोजित शिक्षक अब विशिष्ट शिक्षक बन गए हैं और 1 जनवरी से अपने मूल स्कूलों में योगदान देना शुरू कर चुके हैं। जानें स्थानांतरण, निलंबन, और नई जिम्मेदारियों की पूरी जानकारी।
समस्तीपुर के 6000 नियोजित शिक्षक बने विशिष्ट शिक्षक
समस्तीपुर (Samastipur) जिले से बड़ी खबर आई है। जिले के लगभग छह हजार नियोजित शिक्षक (Niyojit Teachers) अब विशिष्ट शिक्षक (Specific Teachers) बन गए हैं। बुधवार, 1 जनवरी से इन शिक्षकों ने अपने मूल स्कूलों में योगदान (Joining) देना शुरू कर दिया है।
अब ये शिक्षक सरकारी शिक्षक (Government Teachers) की श्रेणी में आ गए हैं। इसके साथ ही इन पर स्थानीय निकाय प्राधिकार (Local Body Authority) का नियंत्रण समाप्त हो गया है। अब इन शिक्षकों का पूरा नियंत्रण शिक्षा विभाग (Education Department) के पास रहेगा। इससे जुड़े सभी निर्णय जैसे स्थानांतरण (Transfer), निलंबन (Suspension), वेतन रोक (Salary Suspension) आदि अब शिक्षा विभाग द्वारा ही किए जाएंगे।
7 जनवरी तक योगदान का समय
शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को 7 जनवरी 2025 तक योगदान करने का समय दिया है। जो शिक्षक किसी कारणवश पहले से निलंबित (Suspended) हैं, वे अपनी निलंबन अवधि समाप्त होने के बाद योगदान करेंगे।
इसके अलावा, जो शिक्षक या शिक्षिका मातृत्व (Maternity) या अन्य छुट्टी (Leave) पर हैं, वे अपने अवकाश समाप्त होने के बाद ही योगदान कर पाएंगे। ऐसे शिक्षक डीईओ (District Education Officer) को ईमेल (Email) के जरिए अपनी उपस्थिति की सूचना भेज सकते हैं।
दूसरे चरण की परीक्षा से बने विशिष्ट शिक्षक
गौरतलब है कि यह शिक्षक दूसरे चरण की सक्षमता परीक्षा (Competency Test) पास करने के बाद विशिष्ट शिक्षक बने हैं।
1 जनवरी से जिले के विभिन्न स्कूलों में योगदान शुरू हो चुका है। यह कदम शिक्षा क्षेत्र में सुधार और जवाबदेही बढ़ाने के लिए उठाया गया है।