विश्व हिंदी दिवस पर समस्तीपुर कॉलेज के हिंदी विभाग ने “वैश्वीकरण के दौर में हिंदी भाषा की स्थिति” विषय पर संगोष्ठी आयोजित की। प्रधानाचार्या ने हिंदी को हमारी अस्मिता और पहचान बताया।
समस्तीपुर में विश्व हिंदी दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन
समस्तीपुर, विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर समस्तीपुर कॉलेज के स्नातकोत्तर हिंदी विभाग के तत्वावधान में एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का मुख्य विषय “वैश्वीकरण के दौर में हिंदी भाषा की स्थिति” था। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन और कुलगीत के साथ किया गया।
हिंदी: हमारी पहचान और गर्व
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय की प्रधानाचार्या डा. मीना प्रसाद ने कहा:
- हिंदी हमारी अस्मिता और पहचान है।
- यह हमारी सभ्यता, संस्कृति, और परंपरा का संवाहक है।
- हिंदी का विस्तार केवल भारत में ही नहीं, बल्कि 100 से अधिक देशों में है।
- हमें हिंदी पर गर्व होना चाहिए और इसके भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए प्रयास करना चाहिए।
हिंदी भाषा की विशेषताएं
हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. महेश कुमार चौधरी ने हिंदी की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए कहा:
- हिंदी एक सरल, सहज और समृद्ध भाषा है।
- यह ज्ञान, समरसता और सृजन का भंडार है।
- हिंदी का उपयोग पूरे विश्व को आलोकित कर सकता है।
छात्रों और विशेषज्ञों के विचार
संगोष्ठी में कई छात्र-छात्राओं ने अपने विचार प्रस्तुत किए।
- हिंदी को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
- छात्रों ने हिंदी के प्रति युवाओं की जिम्मेदारी को रेखांकित किया।
संगोष्ठी के मुख्य आकर्षण
- मंच संचालन: डा. अपराजिता राय ने कुशलतापूर्वक किया।
- उपस्थित विशेषज्ञ:
- डा. खुर्शीद आलम
- डा. चांदनी रानी
- योगेंद्र राय
वैश्वीकरण के दौर में हिंदी की चुनौतियां और संभावनाएं
- चुनौतियां:
- अंग्रेजी और अन्य विदेशी भाषाओं का बढ़ता प्रभाव।
- डिजिटल युग में हिंदी की प्रतिस्पर्धा।
- संभावनाएं:
- हिंदी में तकनीकी और वैज्ञानिक शब्दावली का समावेश।
- हिंदी को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स और सोशल मीडिया पर लोकप्रिय बनाना।