मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समस्तीपुर के चार प्रखंडों में बलान और जमुआरी नदियों की गाद उड़ाही की घोषणा की। यह परियोजना सिंचाई, भूजल स्तर और पर्यावरण संतुलन को पुनर्जीवित करेगी।
समस्तीपुर में बलान और जमुआरी नदियों की गाद उड़ाही की बड़ी पहल
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को अपनी प्रगति यात्रा के दौरान बलान और जमुआरी नदियों की गाद उड़ाही (Silt Removal) की महत्वपूर्ण घोषणा की। यह योजना समस्तीपुर जिले के पूसा, ताजपुर, मोरवा, और सरायरंजन प्रखंडों के लिए वरदान साबित होगी।
गाद हटाने के इस प्रयास से नदियों का पुनर्जीवन, सिंचाई की बेहतर व्यवस्था, और भूजल स्तर में सुधार संभव होगा। यह पहल कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।
जमुआरी नदी का ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान स्थिति
जमुआरी नदी, जो करीब 60 किमी लंबी और 150 मीटर चौड़ी है, समस्तीपुर में सिंचाई का मुख्य आधार थी।
- यह गंडक नदी से पानी प्राप्त कर हजारों एकड़ भूमि को उपजाऊ बनाती थी।
- समय के साथ उचित देखरेख की कमी और गाद जमने के कारण यह लुप्त होने के कगार पर है।
- भूजल स्तर में गिरावट से किसानों और स्थानीय निवासियों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
मुख्य समस्याएं:
- भूजल स्तर 20-28 फीट तक नीचे चला गया है।
- कई क्षेत्रों में चापाकल सूख चुके हैं।
- सिंचाई के लिए जल की भारी कमी।
गाद उड़ाही का संभावित प्रभाव
गाद हटाने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद:
- जल प्रवाह बहाल होगा:
- गंडक नदी का पानी जमुआरी, नून और बलान नदियों में प्रवाहित होगा।
- भूजल स्तर में सुधार होगा:
- गाद हटने से जल संचय की क्षमता बढ़ेगी।
- सिंचाई व्यवस्था मजबूत होगी:
- चारों प्रखंडों में सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
- पर्यावरण संतुलन बहाल होगा:
- नदियों का पुनर्जीवन भूमि की उर्वरता बढ़ाएगा।
- पेयजल समस्या का समाधान:
- स्थानीय निवासियों को पीने के पानी की बेहतर सुविधा मिलेगी।
कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव
गाद उड़ाही से क्षेत्र में कृषि को पुनर्जीवित करने के कई लाभ होंगे:
- सिंचाई के लिए जल उपलब्धता: किसानों को पर्याप्त पानी मिलेगा।
- खेतों की उर्वरता बढ़ेगी: पानी की उपलब्धता से फसल उत्पादन में वृद्धि होगी।
- ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती: खेती में सुधार से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
इस घोषणा ने स्थानीय निवासियों के बीच उत्साह और उम्मीदें बढ़ा दी हैं:
- ग्रामीणों ने कहा कि गाद हटाने के बाद नदियों के संरक्षण के लिए ठोस योजना बनाई जानी चाहिए।
- जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा, “गाद उड़ाही से समस्तीपुर के कई प्रखंडों को नया जीवन मिलेगा और सिंचाई की बेहतर व्यवस्था होगी।”
पर्यावरण और जल संरक्षण के लिए आवश्यक कदम
गाद हटाने के बाद, नदियों के दीर्घकालिक संरक्षण के लिए:
- नियमित निगरानी की आवश्यकता।
- स्थानीय समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए।
- जल संरक्षण अभियान चलाया जाना चाहिए।
बलान और जमुआरी नदियों की गाद उड़ाही परियोजना समस्तीपुर जिले में जल संकट और कृषि समस्याओं का स्थायी समाधान बन सकती है। यदि इस योजना को सही तरीके से लागू किया गया, तो यह चार प्रखंडों के लिए एक नया जलीय जीवन लेकर आएगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यह पहल न केवल सिंचाई और भूजल स्तर में सुधार करेगी, बल्कि पर्यावरणीय संतुलन और ग्रामीण विकास के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम होगी।