बिहार न्यायालय कर्मचारियों की वेतन विसंगति और पदोन्नति की मांग तेज

बिहार न्यायालय कर्मचारियों ने समस्तीपुर में वेतन विसंगति और पदोन्नति को लेकर बैठक की। 16 दिसंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान। उच्च न्यायालय की निष्क्रियता पर नाराजगी।

समस्तीपुर: बिहार राज्य व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ, पटना के आह्वान पर समस्तीपुर व्यवहार न्यायालय के कर्मचारियों ने सोमवार को एक अहम बैठक आयोजित की। यह बैठक मोहन कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में हुई, जिसमें कर्मचारियों ने अपनी वेतन विसंगति (Salary Discrepancy) और पदोन्नति (Promotion) से जुड़ी समस्याओं पर चर्चा की।

बैठक में यह नाराजगी जाहिर की गई कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) और पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) के आदेशों के बावजूद इन समस्याओं का समाधान अब तक नहीं किया गया है।


वेतन विसंगति और पदोन्नति: मुख्य मुद्दे

बैठक में संघ के सदस्य परमानंद झा ने बताया कि न्यायालय कर्मचारियों की वेतन विसंगति का मामला काफी समय से लंबित है। साथ ही, चतुर्थ और तृतीय वर्गीय कर्मचारियों (4th and 3rd Grade Employees) की पदोन्नति की संचिकाएं प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, पटना के कार्यालय में वर्षों से रुकी हुई हैं।

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मुख्य मांगें:

  1. वेतन विसंगति का निवारण: न्यायालय कर्मचारियों के वेतन में मौजूद विसंगतियों को तुरंत दूर किया जाए।
  2. पदोन्नति: चतुर्थ और तृतीय वर्गीय कर्मचारियों की समयबद्ध पदोन्नति सुनिश्चित की जाए।
  3. अनुकंपा आधारित बहाली (Compassionate Appointments): 100 प्रतिशत अनुकंपा के आधार पर जल्द से जल्द नियुक्तियां की जाएं।
  4. विशेष संवर्ग (Special Cadre): न्यायालय कर्मचारियों के लिए विशेष संवर्ग लागू किया जाए।

संघ का अगला कदम: अनिश्चितकालीन हड़ताल

कर्मचारियों ने इस मुद्दे पर गंभीरता व्यक्त करते हुए कहा कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो वे 16 दिसंबर से अनिश्चितकालीन कलमबंद हड़ताल शुरू करेंगे। यह हड़ताल तब तक जारी रहेगी जब तक उनकी मांगों पर ठोस कार्रवाई नहीं होती।

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हड़ताल के संभावित प्रभाव:

  • न्यायालय के कामकाज पर प्रभाव पड़ेगा।
  • लंबित मामलों की सुनवाई में देरी हो सकती है।
  • न्याय प्रक्रिया बाधित होगी।

उच्च न्यायालय की निष्क्रियता पर नाराजगी

कर्मचारियों ने बैठक में यह भी आरोप लगाया कि उच्च न्यायालय इस मुद्दे पर निष्क्रिय बना हुआ है। सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के स्पष्ट आदेशों के बावजूद, कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। इससे कर्मचारियों में असंतोष और बढ़ रहा है।


बैठक में शामिल प्रमुख कर्मचारी

इस बैठक में संघ के सचिव तारकेश्वर सिंह, रवि कुमार दुबे, विनय भंडारी, शिशिर कुमार, अमित कुमार, राजीव कुमार, जय प्रकाश, विजय कुमार, और प्रभाष गौतम समेत कई कर्मचारी उपस्थित रहे।

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बिहार न्यायालय कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान क्यों जरूरी है?

  1. न्याय प्रक्रिया का सुचारू संचालन: कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान न्यायालय की कार्यक्षमता को बढ़ाएगा।
  2. कर्मचारी मनोबल: वेतन और पदोन्नति से संबंधित समस्याएं हल होने से कर्मचारियों का मनोबल बढ़ेगा।
  3. प्रभावी न्याय: कर्मचारियों का संतोष न्यायालय की दक्षता पर सकारात्मक प्रभाव डालेगा।

बिहार न्यायालय कर्मचारियों की वेतन और पदोन्नति से जुड़ी समस्याएं लंबे समय से अनसुलझी हैं। संघ की ओर से 16 दिसंबर से हड़ताल की घोषणा सरकार और न्यायालय के लिए गंभीर चेतावनी है। इन समस्याओं का समाधान न केवल कर्मचारियों के लिए बल्कि न्याय प्रक्रिया के सुचारू संचालन के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है।

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