मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तीन प्रखंडों में कल्याण छात्रावास का उद्घाटन करेंगे, जिससे अनुसूचित जाति-जनजाति के 300 छात्रों को फायदा मिलेगा।
समस्तीपुर: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तीन प्रखंडों में कल्याण छात्रावास का करेंगे उद्घाटन
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रगति यात्रा के तहत शनिवार को समस्तीपुर जिले के तीन प्रखंडों में कल्याण छात्रावासों का उद्घाटन करेंगे। इस दौरान वे उजियारपुर के रायपुर स्थित कल्याण छात्रावास का निरीक्षण करेंगे, फिर सरायरंजन व विभूतिपुर में बने छात्रावास का उद्घाटन करेंगे।
तीन प्रखंडों के लिए सहुलियत
इस कल्याण छात्रावास योजना से अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के 300 छात्रों को लाभ मिलेगा। प्रत्येक छात्रावास में 100 छात्रों के रहने की सुविधा होगी। छात्रावासों के निर्माण पर कुल 14.71 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई है।
निर्माण की स्थिति
इन कल्याण छात्रावासों का निर्माण लगभग पूर्ण कर लिया गया है, और जल्द ही भवन निर्माण विभाग इन छात्रावासों को कल्याण विभाग को सौंप देगा। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद छात्रों के लिए इन भवनों का संचालन सुचारू रूप से शुरू किया जाएगा। नई शैक्षणिक सत्र की शुरुआत के साथ ही छात्रों को इसका लाभ मिलना शुरू हो जाएगा।
सुविधाएं उपलब्ध
इन कल्याण छात्रावासों में सीसीटीवी, सुरक्षा गार्ड और अन्य सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। छात्रों के लिए रसोई की व्यवस्था भी की गई है, जहां रसोई का संचालन खुद छात्रों द्वारा किया जाएगा।
दलसिंहसराय आईटीआई के छात्रों को विशेष लाभ
उजियारपुर प्रखंड के रायपुर गांव में दलसिंहसराय आईटीआई के समीप बने कल्याण छात्रावास से आईटीआई छात्रों को अधिक लाभ मिलेगा। आईटीआई कालेज में छात्रों के रहने की कोई व्यवस्था नहीं है। छात्र मजबूर होकर सहायता स्थानों पर रहकर अपनी पढ़ाई कर रहे हैं। छात्रावास के बन जाने से अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के छात्रों को एक सही ठिकाना मिलेगा, जिससे उन्हें पढ़ाई में सुविधा होगी।
सरायरंजन और विभूतिपुर के छात्रों को भी फायदा
सरायरंजन के खजुरी गांव में एक और छात्रावास का निर्माण कराया गया है। यह इंजीनियरिंग और मेडिकल कालेज के निकट स्थित है। विभूतिपुर में भी एक और छात्रावास का निर्माण किया गया है, जहां 12वीं से स्नातक करने वाले छात्रों को इसका लाभ मिलेगा। इन दोनों प्रखंडों के सौ-सौ छात्र यहां रहकर अपनी पढ़ाई कर सकते हैं।
संचालन और आवेदन प्रक्रिया
नए सत्र से इस योजना को शुरू करने की योजना बनाई जा रही है। निर्माण करने वाली एजेंसी से छात्रावासों का हस्तांतरण होते ही विभाग को इसे पोर्टल से जोड़ा जाएगा। फिर छात्रों से पोर्टल के माध्यम से आवेदन लिए जाएंगे, और बेड आवंटित किए जाएंगे।