समस्तीपुर में बैंक ऑफ बड़ौदा के गोल्ड लोन फर्जीवाड़े में 72 ग्राहक और स्वर्ण जांचकर्ता नामजद

समस्तीपुर में नकली सोने से लोन फ्रॉड,

समस्तीपुर में बैंक ऑफ बड़ौदा के गोल्ड लोन फर्जीवाड़े में 72 ग्राहकों और स्वर्ण जांचकर्ता अमरजीत कुमार साह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज। जानें पूरी कहानी।

समस्तीपुर में बैंक ऑफ बड़ौदा गोल्ड लोन फर्जीवाड़ा: 72 ग्राहक और एक जांचकर्ता नामजद

समस्तीपुर में बैंक ऑफ बड़ौदा के गोला रोड ब्रांच से गोल्ड लोन लेने में फर्जीवाड़ा किए जाने का मामला सामने आया है। इस मामले में बैंक ने 72 ग्राहकों के साथ-साथ स्वर्ण की जांच करने वाले एक जांचकर्ता को भी दोषी पाया है। इन आरोपियों ने सोने के बदले नकली सोना जमा कर लोन लिया और फिर उसे वापस नहीं किया। इसके बाद बैंक ने पुलिस से संपर्क किया और प्राथमिकी दर्ज कराई।


फर्जीवाड़े की जांच: बैंक की भूमिका

बैंक ऑफ बड़ौदा ने इस मामले की जांच की और पाया कि स्वर्ण जांचकर्ता शंभूपट्टी के अमरजीत कुमार साह ने लोन देने से पहले सोने की जांच में धोखाधड़ी की थी। इसके बाद, बैंक ने अपनी आंतरिक प्रक्रिया के तहत जांच करवाई और पाया कि यह घटना पहले से कई बार हो चुकी थी। बैंक ने इस मामले को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) को रिपोर्ट किया और उसके बाद पुलिस से प्राथमिकी दर्ज कराई।


72 ग्राहकों के खिलाफ कार्रवाई

इस फर्जीवाड़े में जिन 72 ग्राहकों को दोषी पाया गया है, उनके नाम भी सामने आ गए हैं। इनमें से कई ग्राहकों ने दो अलग-अलग खातों का संचालन किया और उसी खातों से गोल्ड लोन लिया। बैंक ने इन ग्राहकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। कुछ प्रमुख नाम जो इस मामले में शामिल हैं, वे हैं:

  • कंचन कुमारी (रोहित शर्मा की पत्नी)
  • अनीता देवी (ब्रजनंदन शर्मा की पत्नी)
  • पिंकी देवी (जमूल साह की पत्नी)
  • आलोक कुमार (सुखी साह का पुत्र)
  • धर्मशीला देवी (सुरेंद्र राय की पत्नी)

इन ग्राहकों ने फर्जी सोना बैंक में जमा किया और इसके बदले लोन लिया। इस तरह के धोखाधड़ी मामलों के खिलाफ बैंक ने कड़ी कार्रवाई की है।


कैसे हुआ फर्जीवाड़ा?

यह फर्जीवाड़ा एक सिंडिकेट द्वारा संचालित किया जा रहा था, जिसमें स्वर्ण जांचकर्ताओं और ग्राहकों की मिलीभगत थी। ग्राहकों ने अपने निजी स्वार्थ के लिए नकली सोना जमा कर लोन लिया और फिर उसे वापस नहीं किया। इसके परिणामस्वरूप बैंक को भारी नुकसान हुआ।


बैंक की कार्रवाई

बैंक ने इस मामले की पूरी जांच की और पाया कि यह घटना गोल्ड लोन में हुई धोखाधड़ी के एक बड़े नेटवर्क का हिस्सा है। बैंक ने अपनी सभी प्रक्रियाओं का पालन करते हुए मामले को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) को रिपोर्ट किया। इसके बाद, पुलिस द्वारा प्राथमिकी दर्ज की गई और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई।

बैंक की तरफ से किया गया कदम:

  • बैंक ने अपनी आडिट प्रक्रिया के दौरान सोने की जांच करवाई।
  • सोने के असली या नकली होने की जांच की गई, जिसमें धोखाधड़ी का पता चला।
  • शिकायत रिजर्व बैंक और पुलिस से की गई।

पुलिस की जांच और कार्रवाई

पुलिस ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की और आगे की जांच शुरू कर दी है। थानाध्यक्ष आशुतोष कुमार ने कहा कि पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है और जल्द ही आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।


फर्जीवाड़े के खिलाफ उठाए गए कदम

आरबीआई गाइडलाइन्स के तहत, बैंक समय-समय पर अपने आडिट और जांच कराती है। इस बार भी जब बैंक ने अपने गोल्ड लोन का आडिट किया, तब फर्जी सोने का पता चला। इसके बाद बैंक ने अपनी पूरी प्रक्रिया का पालन किया और जांच रिपोर्ट रिजर्व बैंक को भेजी। अब पुलिस भी मामले की तह तक पहुंचने के लिए जांच में जुटी है।

समस्तीपुर में बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा गोल्ड लोन के मामले में सामने आया फर्जीवाड़ा एक गंभीर अपराध है। इसमें कई ग्राहक और एक स्वर्ण जांचकर्ता शामिल हैं, जिन्होंने मिलकर धोखाधड़ी की और बैंक से लोन प्राप्त किया। बैंक ने इस मामले की जांच करवाई और रिजर्व बैंक को सूचित किया, जिसके बाद पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की और कार्रवाई शुरू की। इस मामले की गहराई से जांच के बाद ही पूरी सच्चाई सामने आएगी।