समस्तीपुर के बथुआ बुजुर्ग विद्यालय में शिक्षा विभाग और खेल प्राधिकरण के सहयोग से खेल सप्ताह का आयोजन हुआ। कबड्डी, खोखो, साइकिल रेस और दौड़ में उत्कृष्ट छात्र-छात्राओं का चयन।
समस्तीपुर में बथुआ बुजुर्ग विद्यालय में खेल सप्ताह का आयोजन
समस्तीपुर जिले के सरायरंजन प्रखंड स्थित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बथुआ बुजुर्ग में शिक्षा विभाग, बिहार और खेल प्राधिकरण के सहयोग से भव्य खेल सप्ताह का आयोजन किया गया। यह आयोजन छात्रों को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखने के उद्देश्य से किया गया था। इस दौरान विद्यालय में विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिनमें कबड्डी, खोखो, साइकिल रेस, दौड़ और अन्य खेल शामिल थे।
खेल सप्ताह के तीसरे दिन की प्रतियोगिताएं
खेल सप्ताह के तीसरे दिन विद्यालय में कई प्रतिस्पर्धाएं आयोजित की गईं। इनमें कबड्डी, खोखो, साइकिल रेस और दौड़ जैसी प्रतियोगिताएं प्रमुख थीं। इन खेलों में विद्यालय के उत्कृष्ट छात्र-छात्राओं का चयन किया गया, जो अन्य शैक्षिक और खेल आयोजनों में विद्यालय का प्रतिनिधित्व करेंगे।
खेलों में विद्यार्थियों का जोश और उत्साह
विद्यालय के छात्र-छात्राओं में खेलों को लेकर जबरदस्त जोश और उत्साह देखा गया। कबड्डी और खोखो जैसे पारंपरिक खेलों में विद्यार्थियों ने अपनी टीम स्पिरिट और शारीरिक क्षमता का जबरदस्त प्रदर्शन किया। वहीं, साइकिल रेस और दौड़ में भी छात्रों ने अपनी स्पीड और फिजिकल स्टेमिना को साबित किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता और सलाह
कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय के प्राचार्य संतोष कुमार सुमन ने की। उन्होंने बच्चों को खेलों के महत्व और शारीरिक विकास के बारे में प्रेरित किया। वहीं, स्पोर्ट्स टीचर शारदा कुमारी ने बच्चों को टीम स्पिरिट से खेल में भाग लेने की सलाह दी, जिससे वे आत्मविश्वास से भर सकें और टीम भावना को समझ सकें। उन्होंने कहा, “खेल जीवन को बेहतर बनाता है, क्योंकि यह न केवल शारीरिक विकास को बढ़ावा देता है, बल्कि मानसिक विकास में भी मदद करता है।”
शिक्षक रतन कुमार ने भी खेलों के शारीरिक विकास पर जोर दिया। उनका कहना था कि शारीरिक गतिविधियों से शरीर के हर अंग की क्षमता में वृद्धि होती है और यह बच्चों के संपूर्ण विकास में सहायक है।
उपस्थित शिक्षकगण और विद्यालय के प्रमुख सदस्य
कार्यक्रम में विकास कुमार, विश्वनाथ राम, रवींद्र कुमार, सुष्मिता, चंपिका, रितु, समीर, शशिकला, प्रभात जैसे शिक्षक भी उपस्थित थे। ये शिक्षक बच्चों को खेल प्रतियोगिताओं में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रेरित कर रहे थे।
उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थी
प्रतिभागियों के रूप में कई छात्रों ने शानदार प्रदर्शन किया और विद्यालय का नाम रोशन किया। इनमें प्रमुख नाम थे:
- सौम्या श्री, संगम, रंजन कुमारी, सर्वेश, अजय प्रकाश, शिवानी, मोनू, आशीष, आयुष, अंशिका, प्रिया, विनिशा, स्वाति, राज लक्ष्मी, आशिफ, अनिकेत, रौनक, खुशी और अन्य।
इन विद्यार्थियों ने खेल प्रतियोगिताओं में अपनी उत्कृष्टता और नेतृत्व क्षमता को दिखाया, जिससे विद्यालय को गर्व महसूस हुआ।
खेलों का शारीरिक और मानसिक महत्व
खेलों का महत्व केवल शारीरिक विकास तक सीमित नहीं है, बल्कि यह मानसिक विकास के लिए भी आवश्यक है। बच्चों को खेलों के माध्यम से न केवल शारीरिक ताकत मिलती है, बल्कि उनकी मानसिक क्षमता, निर्णय लेने की क्षमता, और टीम वर्क भी बढ़ता है। इस आयोजन के माध्यम से बच्चों को जीवन के विभिन्न पहलुओं में सफलता प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया गया।
समापन
समस्तीपुर के बथुआ बुजुर्ग विद्यालय में आयोजित खेल सप्ताह ने यह सिद्ध कर दिया कि शारीरिक गतिविधियाँ बच्चों के संपूर्ण विकास में सहायक होती हैं। ऐसे आयोजनों से छात्रों में आत्मविश्वास, टीम भावना, और प्रतियोगिता की भावना विकसित होती है, जो जीवन के अन्य क्षेत्रों में भी उन्हें सफलता दिलाती है। इस तरह के आयोजन बच्चों को एक स्वस्थ और सक्रिय जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करते हैं।