समस्तीपुर में बीपीएससी परीक्षा में पारदर्शिता की मांग, छात्रों ने निकाला प्रतिरोध मार्च

समस्तीपुर में बीपीएससी परीक्षा में पारदर्शिता और सुधार की मांग को लेकर छात्र संगठनों ने मार्च निकाला। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्र सरकार पर उठाए गए सवाल।

समस्तीपुर में बीपीएससी परीक्षा में पारदर्शिता और सुधार की मांग

समस्तीपुर जिले में बीपीएससी परीक्षा में पारदर्शिता और सुधार की मांग को लेकर सोमवार को महागठबंधन से जुड़े छात्र और युवा संगठनों ने एक प्रतिरोध मार्च निकाला। यह मार्च समस्तीपुर के स्टेडियम गोलंबर से शुरू होकर ओवरब्रिज चौराहा पर संपन्न हुआ, जहां प्रदर्शनकारियों ने अपनी मांगों को लेकर सभा का आयोजन किया। इस मार्च और सभा में समस्तीपुर के विभिन्न छात्र और युवा संगठन शामिल हुए।

बीपीएससी परीक्षा में पारदर्शिता की मांग

छात्र नेताओं ने बीपीएससी परीक्षा में हो रही बार-बार पेपर लीक और धांधली के खिलाफ आवाज उठाई। उन्होंने राज्य सरकार से आग्रह किया कि ऐसी समस्याओं पर जल्द ही ठोस नीति बनाई जाए, ताकि छात्र-छात्राओं के भविष्य से खेली जा रही इन गलतियों पर रोक लग सके। इस संबंध में, आइसा जिला अध्यक्ष लोकेश राज, एसएफआई जिला सचिव छोटू भारद्वाज, और अन्य संगठन नेताओं ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया।

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पटना लाठीचार्ज और भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रदर्शन

सभा के दौरान, छात्रों ने पटना में छात्रों पर हुए लाठीचार्ज की भी निंदा की और आरोप लगाया कि सरकार युवाओं की आवाज को दबाने का काम कर रही है। इसके साथ ही, छात्रों ने यह भी मांग की कि पटना लाठीचार्ज के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए और इस मुद्दे से जुड़ी सभी कानूनी कार्रवाई वापस ली जाए।

मुख्यमंत्री और केंद्र सरकार पर हमले

संगठनों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्र सरकार पर तीखे हमले किए। छात्र नेताओं ने आरोप लगाया कि बीपीएससी परीक्षा में हो रहे पेपर लीक और भ्रष्टाचार के पीछे सरकार का संरक्षण है। उन्होंने कहा कि सरकार अपनी कुर्सी बचाने में व्यस्त है और युवाओं की समस्याओं को नजरअंदाज कर रही है।

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इसके अलावा, प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि “डिजिटल इंडिया” और “युवा शक्ति” के नारे केवल दिखावे के लिए हैं। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी और भ्रष्टाचार के मामलों पर केंद्र सरकार चुप्पी साधे हुए है और बिहार में हो रहे घोटालों पर आँखें मूंदे हुए है।

समस्तीपुर में युवाओं का आक्रोश

सभा में युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय संयोजक अबू तनवीर, महासचिव मुकेश चौधरी, आइसा के उदय कुमार, एसएफआई के नवनीत यादव, और छात्र राजद के रणधीर, गौरव सहित अन्य नेताओं ने भी इस विषय पर अपने विचार साझा किए। इन नेताओं ने छात्रों के मुद्दों पर एकजुट होने की अपील की और यह भी चेतावनी दी कि अगर सरकार उनकी मांगों पर जल्द कार्रवाई नहीं करती है, तो आंदोलन और उग्र हो सकता है।

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मुख्यमंत्री का पुतला दहन

सभा के अंत में प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पुतला फूंक दिया और साफ तौर पर चेतावनी दी कि छात्रों की आवाज को दबाया गया, तो यह आंदोलन और बड़ा रूप ले सकता है। छात्रों ने यह भी कहा कि सरकार की नीतियों से युवाओं का विश्वास टूट चुका है और अब वे इस भ्रष्टाचार के खिलाफ हर संभव संघर्ष करेंगे।

समस्तीपुर में छात्रों के आंदोलन का भविष्य

समस्तीपुर में यह आंदोलन इस बात का प्रतीक है कि अब युवाओं के लिए सत्ता से सवाल पूछना और अपने अधिकारों की रक्षा करना जरूरी है। छात्र और युवा संगठन आगे भी इस तरह के आंदोलनों को बढ़ावा देंगे, ताकि शिक्षा के क्षेत्र में पारदर्शिता और सुधार हो सके।

 

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