समस्तीपुर में मछली पालन व्यवसाय को डिजिटल बनाने के लिए केंद्र सरकार ने एनएफडीपी प्लेटफॉर्म पर पंजीकरण अनिवार्य किया है। जानिए कैसे यह पहल मछली पालकों के लिए फायदेमंद होगी।
समस्तीपुर: जिले में मछली पालन और इससे जुड़े व्यवसायों को संगठित और पारदर्शी बनाने के लिए केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण पहल की है। अब मछली पालन से संबंधित योजनाओं का लाभ उठाने के लिए मछली पालकों और मछुआरों को नेशनल फिशरीज़ डिजिटल प्लेटफॉर्म (NFDP) पर पंजीकरण कराना अनिवार्य कर दिया गया है। इस कदम के जरिए सरकार ने मत्स्य पालन क्षेत्र को पूरी तरह से डिजिटल बनाने का प्रयास किया है, जिससे व्यवसाय में पारदर्शिता और विकास को बढ़ावा मिलेगा।
समस्तीपुर के मछली पालकों के लिए NFDP प्लेटफॉर्म
समस्तीपुर जिले में मछली पालन से जुड़े लोगों की संख्या 60,000 से अधिक है, लेकिन अब तक केवल 5,878 लोग ही NFDP प्लेटफॉर्म पर पंजीकरण करवा पाए हैं। इसके बावजूद, मछली पालन योजनाओं से लाभ लेने के लिए इस प्लेटफॉर्म पर रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया गया है। अब इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से मछली पालकों को डिजिटल पहचान पत्र मिलेगा और सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त होगा।
इस प्लेटफॉर्म के लाभ:
- डिजिटल पहचान पत्र: प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि योजना के तहत मछली पालकों को डिजिटल पहचान पत्र मिलेगा।
- पारदर्शिता: प्लेटफॉर्म से जुड़े सभी आंकड़े और सेवाएं डिजिटल रूप में उपलब्ध होंगी, जिससे मछली पालन में पारदर्शिता आएगी।
- सरकारी योजनाओं का लाभ: रजिस्ट्रेशन के बाद मछली पालक सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे।
- वित्तीय सहायता: छोटे मछली पालकों को संस्थागत वित्तीय सहायता मिल सकेगी।
एनएफडीपी प्लेटफॉर्म पर पंजीकरण की प्रक्रिया
समस्तीपुर के मछली पालक और मछुआरे कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के माध्यम से NFDP पर पंजीकरण करा सकते हैं। पंजीकरण के लिए आधार कार्ड, बैंक खाता संख्या और मोबाइल नंबर जरूरी हैं। इन दस्तावेज़ों के माध्यम से रजिस्ट्रेशन पूरी प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इसके अलावा, आधार कार्ड और मोबाइल नंबर लिंक होना जरूरी है।
पंजीकरण के लिए आवश्यक दस्तावेज़:
- आधार कार्ड
- बैंक खाता संख्या
- मोबाइल नंबर (आधार से लिंक)
समस्तीपुर जिले में जागरूकता की आवश्यकता
समस्तीपुर जिले में मछली पालक और मछुआरों की एक बड़ी संख्या ऐसी है, जिन्हें NFDP प्लेटफॉर्म और ऑनलाइन पंजीकरण की जानकारी नहीं है। इस मुद्दे को हल करने के लिए सरकार को ग्रामीण इलाकों में जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता है। मछली पालकों को सही जानकारी देना और तकनीकी सहायता उपलब्ध कराना बेहद जरूरी है।
वर्तमान चुनौतियां:
- जागरूकता की कमी: कई मछली पालकों को प्लेटफॉर्म और ऑनलाइन पंजीकरण के बारे में जानकारी नहीं है।
- तकनीकी सहायता की आवश्यकता: मछली पालकों को तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए शिविर आयोजित करने की आवश्यकता है।
समस्तीपुर में मछली पालन व्यवसाय को डिजिटल बनाने की दिशा में सुधार
मछली पालन व्यवसाय में डिजिटल क्रांति से समस्तीपुर जिले के मछली पालकों को बड़े फायदे हो सकते हैं। इसके माध्यम से व्यवसाय को संगठित किया जा सकेगा और छोटे मछली पालकों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सकेगा। इसके साथ ही, मछली पालन क्षेत्र में पारदर्शिता बढ़ेगी और डेटा-आधारित निर्णयों के माध्यम से निवेशकों का विश्वास भी बढ़ेगा।
समस्तीपुर जिले के मछली पालकों को जल्द से जल्द NFDP प्लेटफॉर्म पर पंजीकरण कराना चाहिए ताकि वे सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकें। मो. नियाजुद्दीन, जिला मत्स्य पदाधिकारी, समस्तीपुर ने अपील की है कि सभी मछली पालक और मछुआरे जल्दी से इस प्रक्रिया को पूरा करें और प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि योजना का पूरा लाभ उठाएं।