समस्तीपुर में अपराध नियंत्रण के लिए पुलिस अधीक्षक अशोक मिश्रा ने थानों में फेरबदल किया। अजित प्रसाद को मुफस्सिल थाना का थानाध्यक्ष नियुक्त किया गया।
समस्तीपुर में अपराध पर नियंत्रण के लिए बड़ा कदम
समस्तीपुर जिले में बढ़ते अपराध को देखते हुए पुलिस अधीक्षक अशोक मिश्रा ने मंगलवार को कई थानों में फेरबदल किया। तेजतर्रार और अनुभवी पुलिस अधिकारियों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। इसी कड़ी में डीआईयू (District Intelligence Unit) के जांबाज पुलिस निरीक्षक अजित प्रसाद को मुफस्सिल थानाध्यक्ष नियुक्त किया गया। उन्होंने गुरुवार को अपना पदभार ग्रहण कर लिया।
अजित प्रसाद ने कहा,
“पुलिस अधीक्षक के विश्वास पर खरा उतरना मेरी प्राथमिकता है। मुफस्सिल थाना क्षेत्र को अपराधमुक्त रखना और लोगों को सुरक्षित माहौल प्रदान करना मेरा मुख्य उद्देश्य होगा।”
पदभार ग्रहण के दौरान बयान और योजनाएं
अजित प्रसाद ने पदभार ग्रहण करते हुए स्पष्ट किया कि थाना क्षेत्र में अपराधमुक्त माहौल बनाने के लिए कुछ विशेष कदम उठाए जाएंगे:
अपराध नियंत्रण के लिए मुख्य प्राथमिकताएं:
- प्रॉपर गश्ती: क्षेत्र में नियमित पुलिस गश्ती बढ़ाई जाएगी।
- जनता की भागीदारी: लोगों को Community Policing के तहत जोड़ा जाएगा।
- अपराधियों पर सख्त कार्रवाई: अपराधियों के खिलाफ त्वरित और कठोर कार्रवाई की जाएगी।
- पुलिसिंग में सुधार: थाना क्षेत्र के लोगों को बेहतर और पारदर्शी पुलिसिंग का अनुभव मिलेगा।
पुलिस अधीक्षक का बड़ा कदम
इस फेरबदल के तहत कई अनुभवी पुलिस अधिकारियों को नई जिम्मेदारियां दी गई हैं। अशोक मिश्रा का मानना है कि यह कदम जिले में अपराध पर लगाम लगाने में कारगर साबित होगा।
फेरबदल के प्रमुख बिंदु:
- कई थानों के प्रभारी अधिकारियों को बदला गया।
- अपराध दर अधिक होने वाले क्षेत्रों में तेजतर्रार पुलिसकर्मियों की नियुक्ति की गई।
- थानों में अपराध की रोकथाम के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए गए।
मौके पर मौजूद अधिकारी
पदभार ग्रहण समारोह के दौरान कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौजूद थे, जिनमें शामिल थे:
- सुनील कांत सिन्हा: पुलिस निरीक्षक सह यातायात थानाध्यक्ष।
- अन्य पुलिस पदाधिकारी और कर्मचारी।
थाना क्षेत्र में सुधार के लिए अजित प्रसाद की रणनीति
- थाना क्षेत्र में नियमित पेट्रोलिंग के लिए Quick Response Team की स्थापना।
- जनता के लिए Open Door Policy लागू की जाएगी, जिससे लोग अपनी समस्याओं को बिना झिझक साझा कर सकें।
- संवेदनशील इलाकों की निगरानी के लिए CCTV Surveillance पर जोर दिया जाएगा।
- युवा वर्ग को अपराध से दूर रखने के लिए Awareness Campaigns शुरू किए जाएंगे।