समस्तीपुर में नकली सोने से बैंक लोन फ्रॉड का मामला, बैंक आफ बड़ौदा ने दर्ज की प्राथमिकी

समस्तीपुर में बैंक आफ बड़ौदा के गोला रोड ब्रांच से नकली सोने के जरिए लोन लेने का मामला सामने आया है। 72 खातों में 150 लाख रुपये का फ्रॉड हुआ।

समस्तीपुर में नकली सोने से बैंक लोन फ्रॉड का मामला, बैंक आफ बड़ौदा की कार्रवाई

समस्तीपुर जिले के नगर थाना क्षेत्र स्थित गोला रोड ब्रांच से एक और बड़ा बैंक लोन फ्रॉड मामला सामने आया है। बैंक आफ बड़ौदा ने नकली सोने के जरिए लोन लेने वाले मामलों में एक नई प्राथमिकी दर्ज की है। इसमें बैंक ने अपने स्वर्ण जांचकर्ता और ग्राहकों के खिलाफ कार्रवाई की है। इससे पहले भी ऐसे ही फ्रॉड मामलों का पर्दाफाश हुआ था, और अब एक बार फिर यह मुद्दा सुर्खियों में है।

नकली सोने का पर्दाफाश, 72 खाते और 150 लाख रुपये की धोखाधड़ी

बैंक आफ बड़ौदा के सहायक महाप्रबंधक राजीव कुमार चौधरी द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी में खुलासा हुआ कि बैंक के 77 स्वर्ण ऋण खातों में जमा सोना नकली पाया गया। इन खातों में से 72 खाता चालू हालत में थे जबकि पांच खाता पहले ही बंद कर दिए गए थे। जांच में पाया गया कि इन 72 खातों में नकली सोना रखकर कुल 150.06 लाख रुपये का लोन स्वीकृत किया गया था, जिनमें से अभी 144.29 लाख रुपये का बकाया बाकी है।

ये भी पढ़ें :  समस्तीपुर के 6000 नियोजित शिक्षक बने विशिष्ट शिक्षक, शिक्षा विभाग के अधीन शुरू किया योगदान

बैंक के अधिकारियों के अनुसार, इन 72 खातों के धारकों ने मिलकर कुल 157.64 लाख रुपये का फ्रॉड किया है। बैंक ने यह गंभीर मामला पुलिस के पास रिपोर्ट किया है, और अब पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है।

फ्रॉड में संलिप्त आरोपी: स्वर्ण जांचकर्ता अमरजीत साह का नाम

इस मामले में बैंक ने सभी ग्राहकों के अलावा स्वर्ण जांचकर्ता रामचंद्र साह के पुत्र अमरजीत साह को भी आरोपी बनाया है। अमरजीत साह को पहले भी बैंक आफ बड़ौदा के ताजपुर रोड स्थित ब्रांच में इसी तरह के फ्रॉड मामले में आरोपी ठहराया गया था।

पहले भी सामने आया था नकली सोने से लोन लेने का मामला

यह पहला मौका नहीं है जब बैंक आफ बड़ौदा के समस्तीपुर क्षेत्र में नकली सोने के जरिए लोन लेने का मामला सामने आया हो। इससे पहले भी ताजपुर रोड स्थित ब्रांच से इसी तरह की धोखाधड़ी के मामले में पुलिस ने जांच शुरू की थी, और अब गोला रोड ब्रांच से भी यही समस्या सामने आई है।

ये भी पढ़ें :  बिहार में खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा देने के लिए सरकार संकल्पित: खेल मंत्री

बैंक की जांच और पुलिस कार्रवाई

बैंक आफ बड़ौदा ने इस घटना को गंभीरता से लिया है और अपने स्तर पर जांच शुरू कर दी है। पुलिस द्वारा भी आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी गई है, ताकि लोन देने की प्रक्रिया में हुई धोखाधड़ी का खुलासा किया जा सके और सभी आरोपी पकड़े जा सकें।


कैसे होती है स्वर्ण ऋण पर धोखाधड़ी?

बैंक से स्वर्ण ऋण लेते समय ग्राहकों द्वारा जमा किया गया सोना बैंक के द्वारा जांचा जाता है। यदि सोना नकली पाया जाता है, तो यह ग्राहकों के लिए बड़ी समस्या का कारण बनता है। यहां यह मामला इसलिए गंभीर है क्योंकि बैंक ने यह पाया कि ग्राहकों ने नकली सोना जमा करके बड़े लोन हासिल किए हैं।

धोखाधड़ी के मुख्य कारण:

  • नकली सोने की जांच में कमी
  • गलत जानकारी देने वाले ग्राहक
  • स्वर्ण जांचकर्ताओं की लापरवाही
ये भी पढ़ें :  समस्तीपुर में करंट से मौत

नकली सोने से बैंक लोन फ्रॉड से बचने के उपाय

  • स्वर्ण जांचकर्ता का चयन: बैंक को स्वर्ण जांचकर्ताओं की सख्त निगरानी करनी चाहिए ताकि कोई धोखाधड़ी न हो।
  • सख्त नियम और दिशानिर्देश: स्वर्ण ऋण प्रक्रिया को और कड़ा बनाना आवश्यक है, ताकि इस तरह के मामलों पर नियंत्रण पाया जा सके।
  • ग्राहकों की सत्यापन प्रक्रिया: ग्राहकों के द्वारा दिए गए दस्तावेजों की सही तरीके से जांच होनी चाहिए, ताकि धोखाधड़ी से बचा जा सके।

समस्तीपुर में बैंक आफ बड़ौदा से जुड़ा नकली सोने के जरिए लोन लेने का मामला एक बार फिर बैंकों के सुरक्षा मानकों पर सवाल उठाता है। इस घटना के बाद बैंक और पुलिस ने एक साथ मिलकर कार्रवाई शुरू की है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर काबू पाया जा सके। बैंक को चाहिए कि वह अपने स्वर्ण ऋण की जांच प्रक्रिया को और अधिक मजबूत बनाए, ताकि भविष्य में ऐसी धोखाधड़ी से बचा जा सके।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top