समस्तीपुर रेल मंडल: प्लेटफार्म पर वेंडरों को सामान बेचने की अनुमति, यात्रियों को मिलेगा फायदा

समस्तीपुर रेल मंडल में पहली बार प्लेटफार्म पर वेंडरों को सामान बेचने की अनुमति दी गई है। 16 लाइसेंसी वेंडर तैनात किए गए हैं, जो यात्रियों को सुविधा देंगे।

समस्तीपुर रेल मंडल में प्लेटफार्म पर वेंडरों को सामान बेचने की अनुमति

समस्तीपुर रेल मंडल में पहली बार प्लेटफार्म पर वेंडरों को सामान बेचने की अनुमति दी गई है। यह योजना ट्रायल के तौर पर शुरू की जा रही है। समस्तीपुर जंक्शन पर इस योजना के तहत कुल 16 लाइसेंसी वेंडर तैनात होंगे, जो यात्रियों को विभिन्न प्रकार का सामान बेच सकेंगे। इस कदम से यात्रियों को प्लेटफार्म पर ही सामान खरीदने की सुविधा मिलेगी, जिससे उनका समय और ऊर्जा दोनों बचेंगे।

समस्तीपुर जंक्शन पर पहली बार लागू होने वाली योजना

पहले केवल प्लेटफार्म पर बने स्टालों पर ही वेंडरों को सामान बेचने की अनुमति थी, लेकिन अब यह नया कदम उठाया गया है। अब वेंडर प्लेटफार्म पर घूमते हुए यात्रियों को सामान उपलब्ध करवा सकेंगे। इस निर्णय से न केवल रेलवे की आय बढ़ेगी, बल्कि यात्रियों को भी सुविधा मिलेगी। खासकर उन यात्रियों को जो समय की कमी के कारण प्लेटफार्म से बाहर नहीं जा सकते थे, वे अब प्लेटफार्म पर बैठे-बैठे अपना सामान खरीद सकेंगे।

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वेंडरों की पहचान और ड्रेस कोड

इस योजना में वेंडरों की पहचान उनके विशेष ड्रेस कोड से की जाएगी। प्रत्येक वेंडर को एक समान लाल रंग की शर्ट दी जाएगी, जिसमें उनका नाम, लाइसेंस नंबर और प्लेटफार्म नंबर अंकित होगा। इसके अलावा, वेंडर काले रंग की कैप और पैंट पहनेंगे। यह कदम यह सुनिश्चित करेगा कि केवल लाइसेंसी वेंडर ही प्लेटफार्म पर घूमते हुए सामान बेच सकें, जिससे अव्यवस्था से बचा जा सके।

समस्तीपुर जंक्शन पर तैनात वेंडर

समस्तीपुर जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर एक पर रिफ्रेशमेंट रूम और प्लेटफार्म नंबर दो-तीन पर फास्ट फूड यूनिट के संचालक मां भवानी फूड्स को अनुमति दी गई है। इन दोनों यूनिट्स के लिए आठ-आठ वेंडरों को सामान बेचने की अनुमति दी गई है। इन वेंडरों को 10 जनवरी से 31 मार्च तक के लिए लाइसेंस दिया गया है।

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योजना से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें:

  • वेंडर का चयन: वाणिज्य विभाग ने एजेंसी चयन प्रक्रिया पूरी कर ली है।
  • वेंडरों की संख्या: समस्तीपुर जंक्शन पर कुल 16 लाइसेंसी वेंडर तैनात होंगे।
  • वेंडर का ड्रेस कोड: लाल रंग की शर्ट, काले रंग की कैप और पैंट।
  • लाइसेंस की अवधि: 10 जनवरी से 31 मार्च तक।
  • वेंडिंग का समय: वेंडिंग की इजाजत 24 घंटे होगी, लेकिन वेंडर ट्रेन के अंदर सामान नहीं बेच सकेंगे।

रेलवे के लिए फायदे

समस्तीपुर रेल मंडल द्वारा शुरू की गई यह योजना रेलवे की आय में बढ़ोतरी करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। पहले के मुकाबले लाइसेंस फीस में वृद्धि की गई है, जो रेलवे को अतिरिक्त आय प्रदान करेगी। इसके अलावा, यात्रियों को सुविधा मिलेगी, क्योंकि उन्हें प्लेटफार्म से बाहर जाकर सामान खरीदने की आवश्यकता नहीं होगी। वे सीधे अपनी सीट से सामान मंगवा सकते हैं, जो उनकी यात्रा को और भी आरामदायक बनाएगा।

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यात्रियों के लिए सुविधा

इस योजना का सबसे बड़ा फायदा यात्रियों को होगा। अब उन्हें ट्रेन से उतरने की आवश्यकता नहीं होगी, क्योंकि वेंडर उनके पास आकर सामान दे सकेंगे। इससे खासकर वृद्ध, बच्चे और रोगी यात्रियों को काफी राहत मिलेगी। रेलवे द्वारा यह कदम उठाने से यात्रियों को प्लेटफार्म पर ही आराम से अपनी जरूरत का सामान मिल सकेगा।

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