सदर अस्पताल समस्तीपुर: वेंटिलेटर और ICU की कमी से मरीजों की मौत का खतरा

सदर अस्पताल में बंद पड़ा आक्सीजन प्लांट

समस्तीपुर के सदर अस्पताल में ICU और वेंटिलेटर सुविधा नहीं होने से गंभीर मरीजों को परेशानी हो रही है। ऑक्सीजन प्लांट भी ठप है। मॉडल अस्पताल बनने के बाद समस्या के समाधान की उम्मीद।

सदर अस्पताल समस्तीपुर: आईसीयू और वेंटिलेटर सुविधा के अभाव में गंभीर मरीज परेशान

समस्तीपुर: जिले के सदर अस्पताल में ICU (Intensive Care Unit) की सुविधा नहीं होने के कारण गंभीर मरीजों को आवश्यक चिकित्सा सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं। अस्पताल में उपलब्ध वेंटिलेटर (Ventilator) और ऑक्सीजन प्लांट भी निष्क्रिय अवस्था में हैं। कोविड-19 काल में अस्पताल को कई उपकरण उपलब्ध कराए गए थे, लेकिन विशेषज्ञ डॉक्टर और तकनीकी कर्मियों की कमी के चलते इनका सही उपयोग नहीं हो पा रहा है।

सदर अस्पताल में वेंटिलेटर की स्थिति

  • कोविड-19 महामारी के दौरान सदर अस्पताल को 11 वेंटिलेटर उपलब्ध कराए गए थे।
    • इनमें से 3 वेंटिलेटर इमरजेंसी वार्ड में और 4 पीकू (Pediatric Intensive Care Unit) वार्ड में लगाए गए थे।
    • शेष 4 वेंटिलेटर खराब स्थिति में स्टोर में पड़े हुए हैं।
  • पीकू वार्ड में स्थापित वेंटिलेटर शिशु रोग विशेषज्ञ की देखरेख में हैं, लेकिन विशेषज्ञ कर्मियों की अनुपस्थिति में ये बेकार पड़े हैं।
  • आधा दर्जन ऑक्सीजन कंसंट्रेटर (Oxygen Concentrators) भी खराब अवस्था में हैं और इमरजेंसी वार्ड में बिना उपयोग के पड़े हुए हैं।

ऑक्सीजन प्लांट और उसकी स्थिति

  • कोविड काल में स्थापित ऑक्सीजन प्लांट से अब ऑक्सीजन की आपूर्ति पूरी तरह ठप हो गई है।
  • नए मॉडल अस्पताल भवन के निर्माण के बाद यह सुविधा पुनः चालू करने की योजना है।

मरीजों को हो रही समस्याएं

  • आईसीयू की अनुपस्थिति:
    • अस्पताल में आईसीयू न होने के कारण गंभीर मरीजों को बेहतर उपचार के लिए अन्य शहरों जैसे पटना या दरभंगा रेफर किया जाता है।
    • रेफर होने के दौरान रास्ते में ही कई मरीजों की मौत हो जाती है।
  • प्राइवेट अस्पतालों का महंगा इलाज:
    • प्राइवेट अस्पताल वेंटिलेटर सपोर्ट के लिए प्रति दिन 5,000 से 10,000 रुपये तक का शुल्क वसूलते हैं।
    • गरीब मरीज इन खर्चों का भार नहीं उठा पाते, जिससे उनकी जान जोखिम में रहती है।

भविष्य की योजनाएं

  • सदर अस्पताल में मॉडल अस्पताल भवन का निर्माण कार्य चल रहा है।
    • निर्माण कार्य पूरा होने के बाद यहां ICU की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
    • नए भवन में वेंटिलेटर को स्थानांतरित कर उनका संचालन शुरू किया जाएगा।

विशेषज्ञ की राय

सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. गिरीश कुमार के अनुसार, नए भवन के बनने के बाद मरीजों को ICU और वेंटिलेटर जैसी आवश्यक सुविधाएं मिलने लगेंगी। इससे गंभीर मरीजों को पटना या अन्य शहरों में रेफर करने की जरूरत कम होगी।

समस्या के समाधान के सुझाव

  • विशेषज्ञ डॉक्टरों और तकनीकी स्टाफ की नियुक्ति:
    • वेंटिलेटर और अन्य उपकरणों के उपयोग के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर और तकनीकी कर्मचारियों की तुरंत नियुक्ति की जाए।
  • ऑक्सीजन प्लांट की मरम्मत:
    • ऑक्सीजन प्लांट की मरम्मत कर इसे जल्द से जल्द चालू किया जाए।
  • पीकू वार्ड का सक्रिय संचालन:
    • शिशु रोग विशेषज्ञों की पर्याप्त संख्या में नियुक्ति से पीकू वार्ड का संचालन प्रभावी हो सकता है।