स्वामी विवेकानंद जयंती पर दीपोत्सव कार्यक्रम: युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत

स्वामी विवेकानंद जयंती पर दीप जलाते विद्यार्थी परिषद कार्यकर्ता

स्वामी विवेकानंद जयंती की पूर्व संध्या पर समस्तीपुर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने दीपोत्सव कार्यक्रम आयोजित किया। जानें स्वामी विवेकानंद के विचार और उनके संदेश की महत्ता।

स्वामी विवेकानंद जयंती: दीपोत्सव कार्यक्रम का आयोजन

समस्तीपुर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) की नगर इकाई द्वारा स्वामी विवेकानंद जयंती की पूर्व संध्या पर भव्य दीपोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह आयोजन पटेल मैदान गोलंबर पर नगर मंत्री शुभम कुमार के नेतृत्व में संपन्न हुआ। कार्यक्रम के दौरान स्वामी विवेकानंद के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन कर उत्सव मनाया गया।

कार्यक्रम में वक्ताओं ने स्वामी विवेकानंद के विचारों और उनके आदर्शों पर चर्चा की।

स्वामी विवेकानंद के विचार युवाओं के लिए प्रेरणा

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रांत सहमंत्री अनुपम कुमार झा ने कहा:

“स्वामी विवेकानंद का व्यक्तित्व आज भी हम युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत है। उनके विचार हमें भारतीय संस्कृति और धर्म के उन्नायक के रूप में कार्य करने के लिए प्रेरित करते हैं।”

उन्होंने यह भी बताया कि विवेकानंद जी ने भारतीय संस्कृति को विश्व स्तर पर पहचान दिलाई। उनके विचारों पर चलकर ही भारत को विश्वगुरु बनाया जा सकता है।

कार्यक्रम की मुख्य बातें

स्वामी विवेकानंद के संदेश:

  1. भारतीय संस्कृति और धर्म का उत्थान।
  2. उदारता और मानवता का प्रचार।
  3. युवाओं को आत्मनिर्भर और जागरूक बनाना।

वक्ताओं द्वारा साझा किए गए प्रमुख विचार:

  • जिला संयोजक कुंदन यादव: “विवेकानंद जी का संदेश ही भारत का दर्शन है। हमें उनके विचारों को हर युवा तक पहुंचाना होगा।”
  • नगर मंत्री शुभम कुमार: “हमारा कर्तव्य है कि हम स्वामी विवेकानंद के विचारों का प्रचार-प्रसार करें।”

कार्यक्रम में शामिल प्रमुख कार्यकर्ता

इस आयोजन में कई प्रमुख कार्यकर्ता उपस्थित रहे, जिनमें शामिल हैं:

  • निक्कू आर्य (जिला सोशल मीडिया संयोजक)
  • सुधांशु चौधरी, रजनीश कुमार, विकास कुमार
  • अजय प्रताप, प्रणव कश्यप, सैफ अली, अमन कुमार
  • केशव माधव, रणधीर कुमार, चंदन कुमार

स्वामी विवेकानंद के विचारों पर युवाओं को चलने की प्रेरणा

स्वामी विवेकानंद के विचार कैसे हैं आज भी प्रासंगिक?

स्वामी विवेकानंद ने युवाओं को अपने जीवन में तीन मूल सिद्धांत अपनाने की प्रेरणा दी:

  • आत्मनिर्भरता: स्वामी जी ने युवाओं से अपने दम पर सफलता प्राप्त करने का आह्वान किया।
  • धर्म और संस्कृति का पालन: भारतीय संस्कृति और धर्म को सम्मान देते हुए आगे बढ़ने का संदेश।
  • विश्वबंधुत्व: सभी प्राणियों को अपना मानने की भावना।